विलायक किसे कहते हैं, परिभाषा और उदाहरण vilayak kise kahate hain
दोस्तो विलयन बनाने के लिए विलायक और विलेय दोनो का होना जरुरी है । और आज के इस लेख में हम जानेगे की विलायक क्या है और विलायक किसे कहते है, इसकी परिभाषा क्या है और इसके उदाहरण क्या हो सकते है । मतलब लेख में आपको अच्छी जानकारी देगे । आप बस लेख को पूरा पढ ले ताकी आपको सब कुछ समझ में आ जाए ।
विलायक किसे कहते हैं
दोस्तो विलायक असल में एक ऐसा पदार्थ होता है जिसका उपयोग विलयन बनाने के लिए ही होता है । अगर विलयन बनाया जाता है तो इसमें विलायक की मात्रा को ज्यादा रखा जाता है और फिर इसमें अन्य पदार्थ जिसे विलेय कहते है को घोला जाता है ।
जैसे की आपने जब निंबु पानी बनाया था तो उस समय नमक को पानी में मिलाया था । और उस समय नमक की मात्रा को कम रखा जाता था और पानी की मात्रा को ज्यादा रखा जाता था । और इन दोनो को मिलाने के कारण से यह विलयन बनता है ।
और इस क्रिया में जो पानी है वह ज्यादा मात्रा में है और इसी को विलायक कहते है । क्योकी विलयाक वही है जिसमें किसी अन्य चिज को या पदार्थ को मिलाया या घोला जाता है और इस पानी में ही नमक को मिलाया गया है ।
इसी तरह से अगर आप अन्य पदार्थों को मिलाकर विलयन बनाते है तो उस विलयन में जिस पदार्थ की मात्रा सबसे ज्यादा रहती है वह असल मे विलायक ही होता है । और इस तरह से भी इसे समझा जा सकता है ।
विलायक की परिभाषा
विलयन और विलायक को समझना जरुरी है । और आपको यह पता होना भी जरुरी है की विलायक की परिभाषा क्या होती हैं । तो अगर आप इस बारे में नही जानते है तो आइए बात करते है
दो या दो से अधिक पदार्थो का समांगी मिश्रण विलयन कहलाता है। और विलयन को बनाने में जिस पदार्थ का सबसे ज्यादा प्रयोग होता है उस पदार्थ को विलायक कहते है।
इसके अलावा विलायक को इस तरह से भी समझ सकते है की अगर विलयन बनाया जा रहा है और उसमें एक पदार्थ है जो की सबसे ज्यादा मात्रा में है तो वही असल में विलायक होता है ।
विलायक के उदाहरण
दोस्तो विलायक के कई उदाहरण हो सकते है । मगर इसका सबसे सरल और प्रसिद्ध उदाहरण पानी होता है । क्योकी पानी में हम कई पदार्थो को मिला सकते है और इसमें पानी की मात्रा को ज्यादा रख सकते है ।
जैसे की पानी में नमक को मिलाना भी एक उदाहरण है ।
विलायक के प्रकार
दोस्तो अब तक आपने विलाय के बारे में काफी कुछ जाना है । मगर आपको यह भी पता होना चाहिए की विलायक कितने प्रकार के होते है । और विलायक के प्रकार कुछ ऐसे है
विलायक असल में दो प्रकार के होते है जिसे ध्रुवीय विलायक और अध्रुविय विलायक के नाम से जाना जाता है । और इसके बारे में भी आपको पता होना जरुरी है ।