मुंह में पानी आना मुहावरे का अर्थ muh mein pani aana muhavare ka arth – लालच होना ।
दोस्तो आज के समय मे हर कोई मिठाई या तरह तरह के स्वादिष्ट भोजन का दिखाना होता है । फिर अगर किसी को यह पता चल जाए की आज हमारे घर मे या कही पर भी अच्छे अच्छे पकवान बन रहे है तो यह खबर सुनकर उसके मुंह मे थुक आ जाता है और वह भी उन पकवानो को खाने की सोचने लग जाता है ।
साथ ही अगर किसी समय किसी व्यक्ति के सामने पकवानो का नाम भी ले दिया जाए तो वह उसके अहससा मात्र उसे खाने की इच्छा कर लेता है । जिसके कारण उसके मुंह मे थुक आ जाता है । कभी कभी तो उसे भोजन या पकवान खाने की इतनी अधिक इच्छा होती है की वह लालची बन कर पकवानो को खाने लग जाता है ।
कहने का अर्थ है की जब भी वह पकावाने या फिर खाने की चिज को देखकर उसके खाने की इच्छा हो जाती है तो उसके मुंह मे थुक आ जाता है और उसे खाने का लालच आ जाता है । जिसके लिए कहा जाता है की इसके मुंह मे तो पानी आ गया ।
मुंह मे पानी आना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence
- इसके सामने तो मिठाई क्या आ गई इसके मुंह मे पानी आ गया ।
- मिठाई का नाम सुनते ही किशोर के मुंह मे पानी आ जाता है ।
- आपकी बेटी की बनाई हुई मिठाईया देखकर मेरे तो मुंह मे पानी आ गया अगर आपकी इजाजत हो तो मे खा लू ।
- पेडे इतने स्वादिष्ट थे की जो भी देख लेता उसके मुंह मे पानी आ जाता है ।
- गुलाब जामुन देखते ही बेटे के मुंह मे पानी आ गया जरा एक खिला दो इसे ।
- रामलाल हलवाई का नाम सुनते ही हमारे मुंह में पानी आ जाता है ।
- भाई बालाजी हलवाई की दुकान से ही मिठाईया लाना क्योकी वहां की मिठाई देखने मात्र ही मुंह मे पानी आ जाता है ।
मुंह मे पानी आना मुहावरे पर कहानी Idiom story
प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे एक हलवाई रहता था जिसका नाम रामलाल था । हलवाई कोई और काम तो करता नही था वह तो केवल मिठाईया ही बनाता था जिसे लोग खाते थे । जब उस हलवाई ने पहली बार दुकान खोली थी तो लोग उसके पास कम आते थे पर धिरे धिरे लोगो की सख्या बडती गई थी जिसके कारण हलवाई की दुकान खुब चलती थी ।
हलवाई की दुकान इतनी अधिक चलती थी जिसके कारण वह समय के साथ धनवान होता गया था । रामलाल के घर मे उसका एक बेटा था और उसकी पत्नी थी । इसके अलावा उसके घर मे और कोई भी नही रहता था । अपनी दुकान अच्छी चलती देख कर रामलाल ने अपने बेटे को भी हलवाई बनाने की सोची और उसे काम सिखाने लगा था ।
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क्योकी हलवाई हर कोई तो बन नही सकता है क्योकी हलवाई बनने से पहले जो काम उसे करना होता है वह उसे अच्छी तरह से आना चाहिए । इस कारण से ही वह अपने बेटे को काम सिखाने लगा था । इस तरह से उसकी दुकान मे अब दो लोग काम करने वाले हो गए थे ।
धिरे धिरे समय बितता गया और रामलाल ने अपने बेटे को भी इतना पक्का कर दिया था । जिसके कारण से वह मिठाई बना लेता था और लोग जब उसकी बनी मिठई खाते तो उनके मुंह मे पानी आ जाता । तो लोग अपनी उगुली चाटते रह जाते थे पर फिर भी उनका पेट नही भरता था ।
जब तक रामलाल के बेटे को मिठाईयां पूरी तरह से बनानी आने लगी तब तक तो उसके पास इतने अधिक लोग आने लगे थे की उन दोनो को आराम भी नही मिलता था । साथ ही जो भी लोग उसकी दुकान मे आते तो वे कहते की आपकी दुकान के सामने से जाने के कारण हमारे मुंह में पानी आ जाता है और हम अपने आप को रोक नही पाते है ।
जिसके कारण से हम मिठाई खाने के लिए आ जाते है । इस तरह से कहते हुए वे लोग रामलाल की मिठाई की गुणवत्ता बताते थे । रामलाल जब भी मिठाई बनाता तो वह उसमे वह सब चिजे डालता था । जिसके कारण से मिठाई को खाने मे अलग ही स्वाद आ जाए । साथ ही वह मिठाई को और लोगो की तुलना से सस्ती भी बेचता था ।
जिसके कारण से जब जब लोगो को पता चलता की रामलाल हलवाई मिठाई बहुत ही अच्छी बनता है तो वे उसकी दुकान मे खाने के लिए चले जाते थे । साथ ही जो भी कोई उसकी दुकान मे एक बार मिठाई खाने के लिए आ जाता तो वह फिर जब भी उसकी दुकान के आगे से जाता तो उसे मिठाई खाने की इच्छा होने लग जाती थी ।
जिसके कारण से वे लोग अपने आप को रोक नही पाते थे और वहां से मिठाई लेकर अपने गाव मे ले जाते थे । साथ ही रामलाल का नाम आस पास के गावो मे इतना फैल गया की लोग उसके नाम की मिठाई आंख मिच कर बताने लगे थे ।
इसी तरह से एक बार की बात है किसी गाव मे से एक आदमी रामलाल के पास से मिठाई लेने के लिए आया था । वह उस दिन पहली बार ही उसकी दुकान पर आया था । जिसके कारण उसे लगा की यह मिठाई अच्छी नही देता है इसी कारण से वह वहां से जाने लगा था ।
तब रामलाल ने उससे कहा की भाई आप जा क्यो रहे हो । आप पहले मिठाई को तो चख लो अगर पंसद आए तो ले लेना । ऐसा कहने के कारण उस आदमी ने उसकी मिठाई को चख लिया था । जब उस आदमी ने मिठाई खा ली तो उसे और मिठाई खाने की इच्छा होने लगी थी ।
तब उसकी इच्छा इतनी ज्यादा हो गई की वह उसके पास से ही मिठाई लेकर खा गया था । फिर भी उसका पेट नही भरा था । अब उसे उसकी मिठाई का लालच आ गया था इस कारण से उसने अपना पेट भर लिया था और पेट भर कर वह अपने गाव चला गया था ।
फिर जब भी वह शहर मे आता तो रामलाल की दुकान को देखता तब उसे मिठाई भी दिखाई देती थी । जिसके कारण से उसके मुंह मे पानी आ जाता था । इस कारण से वह हर बार कुछ न कुछ तो उसकी दुकान से खाता ही था ।
इस तरह से वह अपने गाव के लोगो को भी उसके पास जाने को कहता था की आप रामलाल हलवाई के पास से ही मिठाई लेकर आना उसकी मिठाई को देखने मात्र मुंह मे पानी आ जाता है ।
उसकी बात मान कर गाव के लोग भी उसके पास जाने लगे थे और वापस आकर उस आदमी से कहते की तुम कह तो सही रहे हो उसकी मिठाई खाने के कारण हमे तो लालच आ जाता है । साथ ही अलग अलग लोग अलग अलग मिठाई को अच्छी बताते थे की वह मिठाई तो उसकी बहुत ही अच्छी है और अगर वह खाने लग जाए तो पेट भी नही भरता है । इस तरह से आप इस कहानी से यह समझ गए होगे की इस मुहावरे का अर्थ क्या है ।
मुंह में पानी आना मुहावरे || muh mein pani aana essay on idioms in Hindi
साथियों आज के समय में बहुत बार जब हम मिठाई को देखते है तो हमारी पसंदिदा मिठाई जैसे ही सामने आती है तो मुंह में अपानी आ जाता है । मरग यह उन लोगो के साथ ज्यादा होता है जिनको खाने का लालच होता है ।
इसके अलावा अगर पकवान या फिर जो कुछ बनाया जा रहा है वह अच्छा बनता है तो भी खाने का लालच हर किसी को आ सकता है । जैसे की आपने कहानी में पढा था की किस तरह से रामलाल हलवाई के द्वारा बनाई गई मिठाईयो को देख कर लोगो को खाने का लालच आ जाता था और दूकान से बहुत कुछ खरीद कर खाने लग जाते थे ।
तब लोग केवल एक ही बात कहते थे की रामलाल की मिठाई देख कर मुंह में पानी आ जाता है ओर आपको केवल यही बात पकड़नी है क्योकी आप इससे ही समझ सकते है की muh mein pani aana muhavare ka arth – लालच होना होता है । क्योकी यह इस कहानी में बताया जा रहा है तो इसका मतलब हुआ की कहानी आपको अर्थ समझाने का प्रयास भी करती है ।
नीचे जिन मुहावरों की लिंक दी जा रही है वे अकसर लोग जानना चाहते है और महत्वपर्ण भी है ।
भीगी बिल्ली बनना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
जान हथेली पर रखना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
लाल पीला होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
अंधे की लाठी मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
अंगूठा दिखाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
नौ दो ग्यारह होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
नाकों चने चबाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
नाक में दम करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
दाल न गलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
कमर कसना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
अपनी खिचड़ी अलग पकाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
हाथ साफ करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
होश उड़ जाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
ऊंट के मुंह में जीरा मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
सिर चढ़ाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
लोहा मानना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
आँखें चुराना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
आंखों में खटकना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
आँखें चार होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
आँख भर आना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
अंगारे बरसना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
अंगारों पर पैर रखना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
उड़ती चिड़िया पहचानना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग
उल्टी गंगा बहाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग
आसमान से बातें करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
आँखें दिखाना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग
खाक में मिलना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग
आँखों का तारा मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग
कान भरना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग