यहां पर आपको आँख पर मुहावरे aankh par muhavare दिए जा रहे है अगर आपको आँख पर मुहावरों के बारे मे जानकारिया चाहिए तो निचे देख सकते है ।
- आंख पथराना- आंख थक जाना । वाक्य – चार दिन से तुम्हारी राह देखते-देखते आंख पथरा गई ।
- आंखो का काटा होना – दुशमन होना । वाक्य – आप उसकी आंखो का कांटा क्यो हो रहे है, इसका नतिजा अच्छा न होगा ।
- आंख चडाना – गुस्सा करना । वाक्य – बच्चो को स्नेह करो , आंख न चडाओ ।
- आंख फटना- आश्चर्यचकित होना । वाक्य – आज की घटना देख कर तो मेरी आंख फट गई ।
- आंखो का अन्धा – बेवकुफ । वाक्य – मुझे आप आंखो का अन्धा ना समझिये, आपकी यहा कुछ भी नही चलेगी ।
- आंख चरने जाना – सामने कि चीज दिखाई न देना । वाक्य – क्या तुमारी आंख चरने गई है । तुम्हे दिखाई नही दी किताब ।

- आंख फडकना – भला या बुरा होना । वाक्य – मेरी आज बाई आंख फडक रही है, देखे क्या होता है ?
- आंखो आंखो मे बाते होना – आंखो के इशारे से बाते होना । वाक्य – नैन नैन कीन्हो सब बात,-सूरदाश ।
- आंख चार होना – आंखो से आंखे मिलना । वाक्य – प्रेम होना । जब जब आंखे मिली है तब तब प्यार हुआ है।
- आंख फाडकर देखना - घूर कर देना । वाक्य – किसी अजनबी की ओर आंख फाडकर देखना अशिष्टता है प्रेम से देखना ।
- आंख अटकाना – प्रेम लगाना । वाक्य – राह चलते आंख न अटकाओ ।
- आंखो पर ऐनक लगाना – देखने कि तमिज हासिल करना । वाक्य – पहले आंखो पर ऐनक लगाओ तो मुझे देखना ।
- आंखो पर बेठाना – बहुत सत्कार करना । वाक्य – जब भी मै उसके यहां जाता हुं, वह मुझे आंखो पर बैठा लेता है ।
- आंखो देखी कहना – सामने कि बात करना । वाक्य – यह मै आंखो देखी कह रहा हूं कोई झुठ कैसे साबित करेगा ?
- आंख पलट जाना- गुस्सा होना । वाक्य – कमजोर आदमी की आंख जल्दी पलट जाती है ।
- आंख आना – आंख मे र्दद तथा लाली आदि होना । वाक्य – आज चार दिन से मेरी आंख आगई है।
- आंख पसीजना- आंखो मे आंसू आंना । वाक्य – इस बेचारे दुखिया की रुलाई सुनकर मेरी आंखे पसीज गई ।
- आंखो देखा न कानों सुना – नया । वाक्य – मैने तो एसी मसीन न कभी आंखो देखी न कानो सुनी ।
- आंख उठाना – बुरी नजरो से देखा जाना । वाक्य – तुम तो हर किसी की तरफ आंख उठाते हो ।
- आंख पहचानना- सकेत समझना । वाक्य – मै तुरन्त आपकी आंख पहचान गया ।
- आंखो देख कर – जान बूझ कर । वाक्य – आंखो देख कर मै जहर नही पी सकता ।
- आंख उठाकर न देखना – ध्यान न देना । वाक्य – मै एक धंटे तक खडा रहा था पर उसने आंख उठाकर देखा तक नही ।
- आंखो के बल चलना – ध्यान से देखर चलना । वाक्य – आंखो के बल चलो, रास्ते मे कांटे बहुत है ।
- आंख पाना- आंख का फिर से मिलना । वाक्य – भगवान की दया से मैने आंखे पा ली, यही क्या कम है ?
- आंखो के बल – शौक से, सहर्प । वाक्य – वह आंखो के बल जाने को तैयार है ।
- आंख उची न होना – लज्जा से आंख उपर न उठना । वाक्य – बुरे काम करने वाले कि आंख उपर नही होती है ।
- आंख न खोलना- बेहोश रहना, अचेत रहना । वाक्य – बुखार के कारण आज दिन भर उसने आंख न खोली ।
- आंखो के नाखून लेना – शडर सीखना । वाक्य – पहले आंखो के नाखुन लो फिर बाते करना ।
- आंख उलट जाना – पुतली उपर चड जाना । वाक्य – ज्यो ही जमिन पर गिरा आंख उलट गई ।
- आंख न ठहरना- एक टक न देखा जाना, आंखे एक जगह न टिकना । वाक्य – सूर्य की रोशनी के सामने आंखे नही ठहरती ।
- आंखो के तले लहू उतरना – क्रोध मे लाल हो जाना । वाक्य – तुम जल्दी से यहा से चले जाओ नही तो झगडा हो जायगा । देखते नही, उसकी आंखो के तले लहू उतर गया है ।
- आंख ओझल होना – ओट मे । वाक्य – आंख ओझल मे सभी गाली देते है पर सामने काई बोलता नही ।]
- आंखे न डालना- जरा भी न देखना । वाक्य – वह पराई स्त्री पर आंखे भी नही डालता ।
- आंखो के आगे रखना – हर समय सामने रखना । वाक्य – भाई अब क्या करूं अब यही तो एक लडका है, इसे हर समय आंखो के आगे न रक्खुं तो चैन नही मिलता ।
- आंख कडआना – नीद कि झपकी आना । वाक्य – मेरी आंख कडवा रही है ।
- आंख फूटना- दिखाई न देना । ज्ञान न होना । वाक्य – सचमुच तुम्हारी आंख फूट गई है क्या, जो सारा तेल फैला दिया ?
- आंखो के आगे नाचना – हर समय याद रखना । वाक्य – आप तो आजकल जिलो भर की आंखो के आगे नाचते रहते है भगवान इज्जत दे तो ऐसे ।
- आंख कही और दिल कही और रहना – आंख दूसरी जगह और दिल कही दूसरी जगह रहना , ध्यान न जमना । वाक्य – आंख कही और दिल कही और रहने से तो यह काम न होगा ।
- आंखो के आगे तारे छूटना – कमजोरी के कारण शिथिलता आना । वाक्य – उन दिनो बडी जल्दी आंखों के आगे तारे छूटने लगते है ।
- आंख निकालना – गुस्से से देखना । वाक्य – थोडी सी बात पर आंख क्या निकालते हो ।
- आंखो पर ऐनक लगाना – देखने कि तमिज हासिल करना । वाक्य – पहले आंखो पर ऐनक लगाओ तो मुझे देखना ।
- आंख अटकना – मोहोब्त होना । वाक्य – आज कल अक्सर लडके लडकियो आंख अटक जाती है ।
- आंखो पर पर्दा पडना – अधा होना दिखाई न देना । वाक्य – खरीदते वक्त आंखो पर पर्दा पडा था क्या, जो एसी सडी दाल ले आऐ ।
- आंख पर रखना – आदर और आराम से रखना । वाक्य – जब भी मै राम के याहां जाता हूं, वह मुझे अपनी आंख पर रखता है ।
- आंखों के आगे चिनगारी छुटना – चकाचैंक होना । वाक्य – तेज बिजली की रोशनी की तरफ देखने से आंखो के चिनगारी छूटने लगती है ।
- आंख चुरा कर देखना – चेत कर देना , होश करा देना । वाक्य – उसकी आंख खोल दी , नही तो पछतायगा
- आंख गाडना – लालच होना । वाक्य – उस कि आंख उस चीज पर गडी है।
- आंखो का काजल चुरा लेना – बडी बारीकी से चोरी करना । वाक्य – वह आंखो का काजल चुरा लेता है ।
- आंख घुलना – चार आंखे होना । वाक्य – दोनो कि आंख घुलते ही प्रेम शुरु टपक पडे ।
- आंखे चडना – लाल होना । क्रोघ के लक्षण दिखाई देना । वाक्य – लगता है तुम्हारी आंखे चड गई है अब मुझे जाना चाहिए ।
- आंखे सफेद होना – अंधा हो जाना । वाक्य – इस उम्र मे मेरी दोनो आंख सफेद हो गई, भला अब कैसे मेरा काम चलेगा ।
- आंख चीर के देखना – ध्यान से देखना । वाक्य – इस कागज पर क्या लिखा है, आंख चीर के देखो जरा ।
- आंख फेरना – विरुद होना । वाक्य – इस तरह आंख न फेरो, आखिर मै भी तुमारा हू ।
- आंख चुरा कर कुछ करना – छिप के कुछ करना। वाक्य – आंख चुरा के क्यो जा रहे हो मै रोकुगा थोडे ।
- आंख बन्द होना- मर जाना । वाक्य – आज तो उस बेचारे की आंख बंद हो गई है आपको पता नही ।
- आंखे लाल पीली करना – नाराज होना । वाक्य – तुम नाराज क्यो होते हो, भगवान तुम्हे ही परीक्षा मे पास करेगा ।
- आंख चुरा के देखना – छिप के देखना । वाक्य – क्या आंख चुरा के देख रहे हो, सामने क्यो नही आते हो।
- आंख बचाना – छिपना । वाक्य – तुम तो हमेशा हीआंख बचाकर भाग जाते हो ?
- आंखे होना – ज्ञान होना । वाक्य – अब तुम्हे आंखे हो गई । भगवान को धन्यवाद है ।
- आंख का अंधा गाठ का पुरा – धनवान किन्तु बेवकुफ । वाक्य – तुझे आंख के अंधे गाठ के पुरे को कोन समझाए ।
- आंख बदल जाना- सहानुभूति न रहना । विरुद हो जाना । वाक्य – जब से तुमने आंख बदल ली है तब से मैरा बुरा समय शुरु हो गया है ।
- आंखे रो रो के सुजाना – अधिक रोना । वाक्य – आंखे रो रो के सुजाना बेकार है । अब वह लोट नही सकता ।
- आंख का ओजन – मात्रा मे बहुत थोडा । वाक्य – वहां से क्यो आया है आंखा का ओजन है क्या ।
- आंख बनवाना- आंख की दवा करना । वाक्य – अब आपको आंख बनवानी पडगी ।
- आंखे मूंद लेना – किसी कि बुराई को जान बूझ कर होने देना । वाक्य – ऐसी बातो के लिये केसे आंखे मूंद लेते हो ।
- आंखो का तारा – बहुत प्रिय व्यकित । वाक्य – हर मां का उसका बेटा आंखो का तारा होता है ।
- आंख बराबर करना- चार आंखे करना, आंमने- सामने देखना । वाक्य – वे अगर भलेमानुस होगे तो कम-से-कम इस जिंदगी मे आंख बराबर नही कर सकते ।
- आंखे मिट जाना – अधा हो जाना । वाक्य – यदि दुसरो का बुरा देखु तो मेरी आंखे मिट जाये ।
- आंखो का कांटा – खटकने वाला व्यकित । वाक्य – तुम मेरी आंखो से दुर हो जाओ तुम तो मेरे लिए आंखो का कांटा हो ।
- आंख बवा जाना – मर जाना । वाक्य – आंख बवा गई, अब ले चलो ।
- आंखे मांगना – देखने कि ताकत मागना । वाक्य – डांक्टर साहाब, आपसे आंखे मागता हूं, दया किजिये।
- आंखो ही आंखो मे – केवल सकेत से । वाक्य – आंखो ही आंखो मे वे बात करते है ।
- आंख कान खुला रखना – होसयार रहना । वाक्य – राम तुमारे बहुत से दुश्मन है । हर समय आंख कान खुला रखना चाहिय ।
- आंख बिछाना – आदर से स्वागत करना । वाक्य – आपके लिये वह तो आंखे बिछाता है और आप तो उससे बोलते तक नही ।
- आंख नीची होना- लज्जा पैदा होना । वाक्य – पुरुषो के देखते ही स्ति्रयो की आंखे नीची हो जाती है ।
- आंखो के आगे – अपने किये का फल भोगना । वाक्य – मनुष्य जैसा करता है, वैसा ही उसकी आंखों के आगे आता है ।
- आंख गडाना – टकटक कि जमाना ,नजर जमाना । वाक्य – सुरज कि तरफ आंख गडा के कोइ नही देख सकता ।
- आंख नीली-पीली करना – अधकि नाराज होना । वाक्य – छोटी सी गलती के लिये क्या आंख नीली-पीली करते हो ?
- आंखो का जाती रहना – दिखाई न देना । वाक्य – क्या करूं इसी उम्र मे मेरी आंखे जाती रही अब तो और कोइ पुछता नही ।
- आंख गरम करना – किसी कि सुन्दरता को देख कर आंखो को ठडी करना । वाक्य – आप याहा आंख गर्म करने आते हो या किर्तन करने ।
- आंख पटना – ख्याल जाना । वाक्य – मौज कि बात है, अगर आंख पट गई तो सरकार तुम्हारे लिये कुछ अवश्य कर देगे ।
- आंखो से लगाना – बहुत प्यार करना । वाक्य – आपका पत्र उसने आंखो से लगाया ।
- आंखे बंद होना – ना देखना । वाक्य – कल उसकी आंखे बंद हो गई ।
- आंखो से न देखना – बिलकुल पसद न करना । वाक्य – और तो और, मै तो एसी चीजे आंखो से भी न देखुंगा ।
- आंख कि पुतली फिरना – आंख का मरते समय पपरा जाना । वाक्य – डांक्टर को बुलाने का क्या लाभ , उसकी आंखो कि पुतली तो फिर गई ।
- आंख बेठ जाना या बैठना – आंख के ढले का भीतर चले जाना, आंख फूट जाना । वाक्य – चेचक की बेमारी मे अक्सर आंख बेठ जाती है ।
- आंखे बंद करके जाना – बिना डर भय के जाना । वाक्य – यह जंगल तो अपना है, तुम आंखे बंद करके जा सकते हो ।
- आंखो से जान निकलना – प्रतीक्षा की हद होना । वाक्य – आज तो आप के लिए आंखो से जान निकल गई ।
- आंखो कि पुतली समझाना – बहुत प्रेम करना । वाक्य – मै अपने छोटे भाई को अपनी आंखो कि पुतला समझाता हू ।
- आंख भर जाना - आंखो मे आंसू आना । वाक्य – पिता की मृत्यु पर आंख भर आना तो दूर रहा उसका चहरा भी उदास नही हुआ ।
- आंखे बंद करना – मुंह फेर लेना । वाक्य – आंज बेचारी ने आंख बंद कर ली ।
- आंखो से जमाना देखना – हर तरह के जमाने का अनुभव होना । वाक्य – उसने आंखो से जमाना देखा है, उसे भला तुम क्या मुर्ख बना सकोगे हो ?
- आंखो कि पुतली होना – बहुत प्यार होना । वाक्य – वह तो मेरी आंखो की पुतली है उसे कैसे अपने से दुर कर सकता हूं ।
- आंखो से चीनगारी छुटना – क्रोध से आंखे लाल हो जाना । वाक्य – इतनी सी बात पर आप की आंखो से चीनगारी छुटने लगी ।
- आंखे फोडना – ध्यान से देखना । वाक्य – उसकी आंखे क्यो फोडते हो ?
- आंखो से कभी कभी देखना – सयोगवश कभी देखने को मिल जाना । वाक्य – उन गरीबो ने ऐसी चीजे कभी कभी देखी होगी ।
- आंख मटकाना – नाज व नखरे करना । वाक्य – आंख क्यो मट-काते हो, मुह से कहो ।
- आंखे दुखना – आंखे आना । वाक्य – आज दो दिन से मेरी आंखे दुख रही है ।
- आंखो मे समाना – आंखो मे बसना। वाक्य – वह तो तुम्हारी आंखो मे समाया हुआ है ।
- आंख चुकना – जरा भी लापरवाह होना या न देखना । वाक्य – आंख चुकते आज कल के नैकर चौरी कर लेते है ।
- आंख मारना – इशारा करना । मोहब्बत रखना । वाक्य – मै तुम्हे कब से आंख मार रहा हूं तुम्हे समझ मे नही आता क्या ।
- आंखे तरसाना – देखने के लिय ललायित होना । वाक्य – उनके लिय मेरी आंखे तरसती है वे पुछते तक नही ।
- आंखो मे शील होना – शर्म होना । वाक्य – उसकी आंखो मे तो शील का नाम ही नही है।
- आंख छत से लगना – आंख टंग जाना । वाक्य – इन्तजार मे रात भर जगते बीतना ।
- आंख लगाना-मोहब्बत होना । वाक्य – आंख लगाकर धोका देना उचित नही ।
- आंखो मे रात काटना – रात भर जागते रहना । वाक्य – आज तो मरीज के पास बैठे बैठे आंखो मे रात कटी ।
- आंख जामाना – आंख स्थिर होना । वाक्य – तेज रोसनी के आगे आंख नही जमती ।
- आंखे ठंडी होना – अत्यधिक तृप्ति होना । वाक्य – आज बहू को देख कर आंखे ठंडी हो गई ।
- आंखो मे मोहिनी होना – आंखो मे एसी सकती होना कि आंदमी देखते ही मोह जाय । वाक्य – तुमहारी आंखे मोहीन है, देखने पर फिर तुम्हे छोडने को जी नही चाहता ।
- आंख लगी – प्रेमिका । वाक्य – मै तुम्हारी आंख लगी को खुब जानता हूं ।
- आंखो मे मुरव्वत होना । वाक्य – जिसकी आंखो मे मुरव्वत नही है, वह क्या आदमी है?
- आंख जमीन से लगना – शर्मा जाना । वाक्य – अरे भाई हर बात पर आंख जमीन से लगना सही नही है।
- आंख लडना – मोहब्बत होना । चार आंखे होना । वाक्य – भरे भवन मे आंख लडना तो मैने यही देखा है ।
- आंखे टेडी करना – क्रोध दिखाना । वाक्य – आप भी आंखे टेडी टेढी कर लेगे तो कोन सहारा होगा ?
- आंख जाना – आंख फुटना , अंधा होना । वाक्य – बुढापा आते ही आंख फुट जाती है ।
- आंखो मे रसीलापन होना – आंखो मे दिल आकर्षित करने की शक्ति होना । वाक्य – तुम्हारी आंखो मे रसीलापन है, सभी को खीच लेते हो है ।
- आंखे जुडवाना – आंखो को तृप्त करना । वाक्य – बेटा, आज मरते समय आकर तुमने मेरी आंखे जुडवा दी ।
- आंख भर कर देखना – अच्छी तरह देखना । वाक्य – मैने कभी उसे आंख भरकर नही देखा, बात करना तो दूर की बात है ।
- आंख प्यासी होना – देखने कि इच्छा होना । वाक्य – उन्हे क्या पता ये आंखे कितनी प्यासी है ।
- आंखो मे कबूल होना – स्पष्ट हां न करना, परन्तु हृदय से स्वीकार करना । वाक्य – सभी को आप का प्रस्ताव आंखो से स्वीकार है ।
- आंख खुलना – होशयार रहना । स्थिति को समझना । नींद टुटना । वाक्य – हर समय अपनी आंखे खुली रखनी चाहिए क्योकी इस संसार मे कोन अपना है पता नही चलता ।
- आंख भर लाना- आंखो मे आंसू ले आना । वाक्य – बात -बात पर आंख भर लाना मर्दो को शोभा नही देता ।
- आंखे पैदा करना – तमीज सीखना । वाक्य – पहले आंखे पैदा करो, फिर सामने खडे होना ।
- आंखो मे एक आंसू न निकलना – थोडा भी दुख न होना । वाक्य – इतना प्रेम दिखाता परन्तु उसके तरने पर एक आंसू तक न निकला ।
- आंख खोलना – ख्याल रखना । वाक्य – आप तो मेरी तरफ आंख खोलकर देखते ही नही हो ।
- आंखो भौ चटाना – क्रोध करना । वाक्य – क्या छोटी सी बात पर आंख भौ चढा रहे हो ?
- आंखे पाना – सकेत मिलना । वाक्य – आंखे पाते ही वह चला गया ।
- आंखो से उतरना – अच्छा नही लगता । वाक्य – वह बेईमानी करने से सब कि आंखो से उतर गया है ।
- आंख चुरा जाना – आंख बचाकर नीकल जाना । वाक्य – आप आंख चुरा के जाना चाहाते थे, पर संयोग से पकडे गये ।
- आंख भौ सिकोडना – पसन्द न करना । वाक्य – मेरी खरीदी चीजो पर तुमने आंख भौ सिकोड दी है ।
- आंखो मे सरसो फूलना । खुसी होना । वाक्य – अपना परीक्षा फल देख कर उसकी आंखो मे सरसो फूल गयी ।
- आंख चुराना – धोका देना ,बात से टल जाना । वाक्य – पहले विश्वास देकर समय पर उसने आंख चुरा ली ।
- आंखो मे बाते होना – इशारे से बात होना । वाक्य – उन दोनो मे तो अब आंखो मे बात होने लगी है ।
- आंख जोडाना – प्रेम करना, चार आंख करना । वाक्य – या तो आंख जोड लो, वहां फडाफोड करुगा तो पता चलेगा ।
- आंख झपकना – नीद आंना । वाक्य – अब तुमारी आंख झपक रही है ।
- आंख लजाना – लज्जित होना । वाक्य – खडा होते ही जिसकी आंख लजाती है, वह भाषण क्या देगा ?
- आंखे जलना – डाट पैदा होना । वाक्य – उसे देखता हू तो मेरी आंखे जलने लगती है ।
- आंखो मे फीका लगना – उदास लगना । वाक्य – एक भाई साहब के न आने से सारा उत्सव आंखो मे फिका लगता है ।
- आंख झुकना – आंख नीची होना । शर्मा जाना । वाक्य – जब भी भाई की तारीफ होती है आंख झुका लेता है ।
- आंख टग जाना – मृत्यु के निकट आना । वाक्य – उसकी आंख टग गइ डांक्टर को बुलाना बेकार होगा ।
- आंख लचाना – देखने को मन चाहाना । वाक्य – आंख लचाती रह गई, पर वे नही आए ।
- आंखे जमीन से सिली होना – शर्म से दृष्टि हर समय नीचे रहना । वाक्य – सुशील लडकियो की आंखे हमेशा जमीन से सिली हुई सहती है ।
- आंखो मे फिरना – सदा स्मरण रहना । वाक्य – उसकी प्रेम भरी बाते मेरी आंखो मे फिरा करती है ।
- आंख टंगना – टकटकी लगाना । वाक्य – उसका रुप देखकर मेरी तो आंख टंग ही गई ।
- आंख लाल होना – क्रोधित हो जाना । वाक्य – मैने क्या कहा आप की आंखे लाल हो गई ?
- आंखे जमीन से लगाना – आंखे जमीन से लग जाना । वाक्य – तुम्हे देखकर वह अपनी आंखे जमीन से लगा लेता है ।
- आंखो मे पालना – स्नेह पालन करना । वाक्य – मैने उसे आंखो मे पाला है और तुम उसे मारते हो ।
- आंख टिमटिमाना – झपकी लेना । वाक्य – क्यो आंख टिमटिमा रहे हो जाकर सो जाओ ।
- आंखे उमड आना – भीड होना । वाक्य – भक्तो कि आंखे साधुओ के दर्शन के लिए उमड आती है ।
- आंखो मे डर न होना – तनिक भी लाज या डर न होना । वाक्य – उसकी आंखो मे डर नही, चाहे जो कहो ।
- आंख तले न आना – कुछ न समझना। वाक्य – लोग छोटो कि आंख तले भी नही लाते है ।
- आंख दिखाना – क्रोध करना ,बिगडना । वाक्य – आप बात बात मे आंख क्यो दिखाते हो नौकर बना लिया है क्या ।
- आंख से आंख घुलना – नजर से नजर मिलना । वाक्य – अब तो दोनो की रोज आंख से आंख घुलेगी है ।
- आंख मे आंख डालना – आंख मिलाना । वाक्य – आंखो मे आंखे डालकर वे मोन हो गये ।
- आंखे आई हुवी होना – आंख आना । वाक्य – मेरी आंख आइ हुवी है ।
- आंखो मे टरावट आना – ताजकी आना । वाक्य – भूख लगी है, खाना खालू तो आंखो मे तरावट आ जाय ।

- आंख देखते – जान बुजकर ,सामने । वाक्य – आंख देखते मै यह पाप का काम नही होने दुंगा ।
- आंख रखना – ख्याल रहना । वाक्य – मै जा रहा हु, जरा बच्चे पर आंख रखना, कही आंख से न ओझल हो गया ।
- आंखो मे कुट – कुट के मोती भरना – आंखो का अत्यन्त सुन्दर होना । वाक्य – उसकी आंखो मे तो जैसे कुट – कुट कर मोती भरा है।
- आंख टुटी पडना – बहुत नीद आना । वाक्य – इतनी देर से आंख टुटी पडने लगी है तो सौ जाओ वरना कल दिन भर सोते रहोगे ।
- आंख लेना – आंख बदल जाना । वाक्य – भगवनी तुमहारी आंख लेकर ही छोडेगी ।
- आंखे जमीन से लग जाना – आंखे नीची होना । वाक्य – उस दिन की डांट के बाद वह जब कभी मेरे सामने आता है, उसकी आंखे जमीन से लग जाते है ।
- आंखो मे नूर होना – दिखालाई देना । वाक्य – जब तक आंखे मे नूर है कोई देखने से नही रोक सकता है ।
- आंख टोरना – शर्मिन्दा होना । वाक्य – नायक को देखते ही नायका ने आंख टोर ली ।
- आंख ठंडी करना – किसी के र्दशन से तृप्ति प्रात करना । वाक्य – आज प्रदसनी मे आंख खुब ठंडी कर लेना , पता नही फीर अवसर मिले या नही ।
- आंख वाला – होशयार । वाक्य – आंख वाले हर जगह सफल होते है ।
- आंखे चारो तरफ रहना – हर एक बात का ख्याल रहना । वाक्य – मेरी आंखे चारो तरफ रहती है, लेकिन कोइ बुलावा नही देता है ।
- आंखो का नासूर हो जाना – आंखो से सर्वदा पानी गिरना । वाक्य – ज्यादा धुवे मे रहने से उसकी आंखो मे नासूर हो गया है ।
- आंखो मे आंख पडना – प्रेम होना । वाक्य –क्यो छिपाते हो ।क्या मुझे याद नही है कि तुम दोनो कि आंखो मे आंख पड गई है ।
- आंखो मे गडना – बुरा लगना । वाक्य – उसकी सुरत आंखो मे गड गई है ।
- आंख पर तिनका रहना – जानबुझकर परवाह न करना । वाक्य – तुमने तो अपनी आंख पर तिनका रख रखा है ।
- आंख पर पलको का बोझ न होना – अपनो पर व्यय करना न खलना । वाक्य – अरे तुम निसंकोच ठहरो । आंखे पर पलको का कही बोझ होता है ।आंख होना – ज्ञान होना । वाक्य – मै खुब जानता हू, उस लडकी पर तुम्हारी आंख है ।
- आंख मे गडाना – बुरा लगना । वाक्य – उसका पढना तुम्हारी आंख मे गडता है ।
- आंखो मे खून उतरना – गुस्से से आंखो का लाल होना । वाक्य – आपको देखते ही उसकी आंखो मे खून उतरने लगता है ।
- आंख पर बिठाना – बहुत आवभगत करना । वाक्य – आंख जिस देश की उच्ची हुई, क्यो न आंख पर बिठाएं हम उसे ।
- आंखो से कहना – इशारा करना । वाक्य – अगर अधिक लोग हो तो किसी तरह आंखो मे कह देना, बात जरूरी है, यो मत लौटना ।
- आंख ठंडी होना – तृप्त होना । वाक्य – क्या रुप भगवान ने दिया है ? देख कर आख ठंडी हो गई ।
- दिमाग सातवें आसमान पर होना का अर्थ , वाक्य व कहानी
तिल का ताड़ बनाना का अर्थ और वाक्य व कहानी
धोबी का कुत्ता घर का न घाट का, का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग
टोपी उछालना का अर्थ, वाक्य व कहानी
आटे दाल का भाव मालूम होना का अर्थ, वाक्य व कहानी
- आंख सीधी करना – मेल-मिलाप करना । वाक्य – अरे अब चलते समय तो आंख सीधी कर लो ।
- आंखो मे नमक देना – आंखो मे धुल झोकना । वाक्य – जो बुरा है उसकी आंखो मे नमक दो ।
- आंख डवडवाना – आंख मे आंसु आ जाना । वाक्य – उसे वेरहमी से सिपाही की मार देखकर मेरी आंखे तो डवडवा आई ।
- आंखो मे धूल झोकना – चालबाजी से हानी करना । वाक्य – तुम मेरी आंखो मे धुल नही झोक सकते हो ।
- आंखे चढाना – गुस्सा मे आना । वाक्य – जरा सी बात पर आंख न चढाओ ।
- आंख डालना – जल्दी से देखना । वाक्य – केवल आंख डालने से काम न चलेगा , इसमे तो अधिक समय देना पडेगा ।
- आंख तरेरना – गुसे मे देखना । वाक्य – तुम्हारा आंख तरेरना बेकार है, तुम मेरा कुछ नही कर सकते ।
- आंख सीधी होना – मेल होना । वाक्य – अब उन दोनो की आंखे सीधी हो गई ।
- आंखो मे जान आना – ठडा ज्ञात होना । वाक्य – धूप से छाए मे जाओ तो आंखो मे जान आए ।
- आंख से ओझल होना – गायब होना । वाक्य – देखते ही देखते सांप आंख से ओझल हो गया ।
- आंख सरसो फूलना – मस्ती मे होना । वाक्य – तुम तो हमेशा ही आंख सरसो मे फूलाए रहते हो ।
- आंखो मे जगह करना – किसी के दिल मे समान कि जगह पाना । वाक्य – मैने उसके दिल मे समान कि जगह बना ली थी लेकिन अब वह बात न रही ।
- आंख देखी – अपने देखा , खुद देखा। वाक्य – किसी से सुनकर मै नही कर राहा हूं, यह आंख देखी घटना है ।
- आंख मे पानी न होना – लल्जाहीन होना । वाक्य – आज कल कि औरतो कि आंखो मे पानी तक नही है ।
- आंखो पर हाथ रखना – जान बुझ कर अंधा बनना । वाक्य – खबरदार, यहां ऐसी हरकत नही हो सकती मै अपनी आंखो पर हाथ नही रख सकता ।
- आंखो मे चोब आना – आंखे लाल होना । वाक्य – देखो आंखो मे सरूर है, इसने जरूर मघपान किया है ।
- आंख दौडना – हर तरफ देखना । वाक्य – मैने बहुत आंख दौडाई, पर चौर दिखाई नही पडा ।
- आंख सेकना – देखने का सुख लुटाना । वाक्य – आप यहां भाषण सुनने आये है या आंखे सेकने ?
- आंखो मे चरबी छाना – घमण्ड मे चुर होना । वाक्य – अच्छा, आपकी आंखो मे अब चरबी छा रही है । कल के दिन भूल गए क्या ।
- आंखो मे चुभना – आंखो मे गडना । वाक्य – उसा बैग मेरी आंखो मे चूभ गया है उसे मै अवश्य लूगा ।
- आंख धोई – घुलाई होना – दिल साप होना । वाक्य – आप उससे बच कर रहे । अभी उसकी आंख आपकी ओर से धोई धुलाई नही है ।
- आंखो मे आंखे डालना – आंखो से मोह लेना । वाक्य – जब जाना ही है तो आंखो मे आंखे क्या डानते हो ?
- आंखो मे घर करना – हृदय मे स्थान करना । वाक्य – मुझे सब पता है वह तुम्हारे आंखो मे घर कर गई ।
- आंख न उठना – शर्म से अंखो का गडजाना । वाक्य – उसने ऐसा काम किया है कि उसकी आंख ही नही उठती है।
- आंख पर चडना – दिखाई देना ।प्रेम तथा विशवास होना । वाक्य – तुम तो मेरी आंख पर चढे हो तुम पर संदेह कैसे कर सकता हूं ।
- आंखो मे खटकना – बुरा लगना । वाक्य – आप उसी दिन से उसकी आंखो मे खटकने लगे है ।
इस तरह से दोस्ता आज के इस लेख में आपने यहां पर आँख पर मुहावरे के बारे में जाना है। आपने देखा है की आंख पर बहुत सारे मुहावरे होते है और उनकी संख्या काफी अधिक होती है ।
दोस्तो आपको बात दे की आंख पर जितने भी मुहावरे होते है वे सभी हमने इस लिस्ट में सामिल कर दिए है और आपको शायद यह लेख को पढ कर समझ में भी आ रहा होगा ।
क्योकी आपको शायद ही कोई आंख पर इतने मुहावरे बता सकता है और इसका मतलब है की आंख पर जितने भी मुहावरे है वे सभी यही पर उपस्थित है ।